शुक्रवार, 18 मार्च 2016

Hourt touching

तुम बिन ज़िंदगी सूनी सी लगती है;
हर पल अधूरी सी लगती है
अब तो इन साँसों को अपनी साँसों से जोड़ दे;
क्योंकि अब यह ज़िंदगी कुछ पल की लगती है।

lदोस्ती इम्तिहान नहीं विश्वास मांगती है,
नज़र और कुछ नहीं, दोस्त का दीदार मांगती है,
जिन्दगी अपने लिए कुछ भी नहीं,
पर आपके लिए दुआएं हज़ार मांगती है.

खुदा ने जब इश्क़ बनाया होगा,.,., तो खुद आज़माया होगा,.,., हमारी तो औकात ही क्या है,.,., इस इश्क़ ने खुदा को भी रुलाया होगा !!

मिल सके आसानी से , उसकी ख्वाहिश किसे है? ज़िद तो उसकी है ... जो मुकद्दर में लिखा ही नहीं!!!!!

फिर से वो सपना सजाने चला हूँ;
उमीदों के सहारे दिल लगाने चला हूँ;
पता है कि अंजाम बुरा ही होगा मेरा;t
फिर भी किसी को अपना बनाने चला हूँ।

हँसना और हँसाना कोशिश है मेरी,
हर कोई खुश रहे, यह चाहत है मेरी,
भले ही मुझे कोई याद करे या ना करे,
लेकिन हर अपने को याद करना आदत है मेरी.

भुला देना उसे जो रुला जाये,
याद रखना उसे जो निभा जाये.
वादे आपसे करेंगे बहुत लोग,
मगर अपने दिल की बात कहना उसे,
जिसके बिना एक पल न जिया जाये.

तेरी जुदाई भी हमें प्यार करती है,
तेरी याद बहुत बेकरार करती है,
वह दिन जो तेरे साथ गुज़ारे थे,
नज़रें तलाश उनको बार-बार करती हैं.